शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

Shikwa Shikayat Shayari 


Shikayat Shayari Hindi - Doston kya ap kisi se naraz hain, kya apako kisi se shikayat hai, aj ke is blog post mein ham apake lie kuchh shikava, shikayat aur narazagi par kuchh khubasurat sher o shayari pesh kar rahe hain, jisase ap ko shikayat hai, ap unhen ye sher mesej kar sakate hain. Aankhein Shayari In Hindi.




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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

खुदा जाने, प्यार का दस्तूर क्या होता है; जिन्हें अपना बनाया, वो न जाने क्यों दूर होता है; कहते हैं कि मिलते नहीं ज़मीन आसमान; फिर न जाने क्यूँ, आसमान ज़मीन का सरूर होता है! - Shikayat Shayari

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे; वही फ़ासले बनाते गये! हम तो पास आने की कोशिश में थे; ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!

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हमें उनसे कोई सिकायत नहीं; शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं! मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया; पूछा तो कहा, 'ये मेरी लिखावट नहीं'!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

हमें उनसे कोई शिकायत नहीं; शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं! मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया; पूछा तो कहा, ये मेरी लिखावट नहीं! Friendship Shayari
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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

फलक से चाँद उतारा गया; मेरी आस का एक सहारा गया! मैं दो बूँद पानी तरसती रही; मेरे होंठों से ज़हर गुज़ारा गया!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

इन आंखो मे आंसू आये न होते; अगर वो पीछे मुडकर मुस्कुराये न होते! उनके जाने के बाद बस येही गम रहेगा; कि काश वो हमारी ज़िन्दगी मे दूबारा आये न होते!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

भूल गए या, भुलाना चाहते हो? दूर कर दिया, या जाना चाहते हो? आजमा लिया, या आजमाना चाहते हो? मैसेज कर रहे हो या अभी और पैसे बचाना चाहते हो?

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

तकदीर बनाने वाले, तूने भी हद कर दी; तकदीर में किसी और का नाम लिखा था; और दिल में चाहत किसी और की भर दी!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

अपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं; किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया; तो किसी ने अपना बनाकर 'वक़्त' गुजार लिया!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी! आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं! हम भी वही हैं दिल भी वही है! न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

हर शाम कह जाती है एक कहानी ! हर सुबह ले आती है एक नई कहानी ! रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन ! मंजिल रह जाती है वही पुरानी !

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं! सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं! दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं! है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है! इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है! उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद! फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

इस कदर हम यार को मनाने निकले! उसकी चाहत के हम दिवाने निकले! जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा! उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते! समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें! जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा! करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे! यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे! वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का! और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

कहाँ से लाऊँ हुनर उसे मनाने का; कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का; मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी; क्योंकि जुर्म मेरा था उनसे दिल लगाने का।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

वो भूल गए कि उन्हें हसाया किसने था; जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था; वो कहते हैं वो बहुत अच्छे है शायद; वो भूल गए कि उन्हें यह बताया किसने था।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

रास्ते में पत्थरों की कमी नहीं है; मन में टूटे सपनो की कमी नहीं है; चाहत है उनको अपना बनाने की मगर; मगर उनके पास अपनों की कमी नहीं है। Love shayari

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

ज़ख़्म देने की आदत नहीं हमको; हम तो आज भी वो एहसास रखते हैं; बदले बदले से तो आप हैं जनाब; जो हमारे अलावा सबको याद रखते हैं।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

मानते हैं सारा जहाँ तेरे साथ होगा; खुशी का हर लम्हा तेरे पास होगा; जिस दिन टूट जाएँगी साँसे हमारी; उस दिन तुझे हमारी कमी का एहसास होगा।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

कदम कदम पे बहारों ने साथ छोड़ दिया; पड़ा जब वक़्त तब अपनों ने साथ छोड़ दिया; खायी थी कसम इन सितारों ने साथ देने की; सुबह होते देखा तो इन सितारों ने साथ छोड़ दिया।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था; दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था; ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी; यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ; ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ; वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ; बस अपने बदल जाते हैं वक़्त के साथ

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था; सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था; सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है; जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

वादा करके निभाना भूल जाते हैं; लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं; ऐसी आदत हो गयी है अब तो सनम की; रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं।

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गर्मिये हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं; हम चिरागों की तरह शाम से जल जाते हैं; शमा जलती है जिस आग में नुमाइश के लिए; हम उसी आग में गुमनाम से जल जाते हैं; जब भी आता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ; जाने क्यों लोग मेरे नाम से जल जाते हैं।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह; वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह; किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी; छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

ज़िंदा रहे तो क्या है, जो मर जायें हम तो क्या; दुनिया से ख़ामोशी से गुज़र जायें हम तो क्या; हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने; एक ख्वाब हैं जहान में बिखर जायें हम तो क्या।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

सब फ़साने हैं दुनियादारी के, किस से किस का सुकून लूटा है; सच तो ये है कि इस ज़माने में, मैं भी झूठा हूँ तू भी झूठा है।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

वादा करके वो निभाना भूल जाते हैं; लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं; ऐसी आदत हो गयी है अब तो उस हरजाई की; रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं; मगर उनके चाहने वालों का तो काफ़िला निकला; मैंने सोचा कि शिकायत करू खुदा से; मगर वह भी उनके चाहने वालों में निकला!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

मुझे सता के वो मेरी दुआएं लेता है; उसे खबर है कि मुझे बद्दुआ नहीं आती; सब कुछ सौप दिया उसे हमने; फिर भी वो कहता है, हमें वफा नहीं आती!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

उल्फत में अक्सर ऐसा होता है; आँखे हंसती हैं और दिल रोता है; मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी; हमसफर उनका कोई और होता है!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतजार करना!

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं; कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं; कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का; हम अकेले तो गुनेहगार नहीं।

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शिकायत शायरी - Heart Touching Shikwa Shikayat Shayari Hindi

शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता; शिकवा तो इस दिल को भी है; पर इसे शिकायत करना नहीं आता।

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​​​दिल की किस्मत बदल न पाएगा​;​ बंधनो से निकल न पाएगा​;​ तुझको दुनिया के साथ चलना है​;​ ​तु मेरे साथ चल न पाएगा​।

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कुछ आँसू होते हैं जो बहते नहीं; लोग अपने प्यार के बिना रहते नहीं; हम जानते हैं आपको भी आती है हमारी याद; पर जाने क्यों आप हमसे कहते नहीं।

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दिल से दूर जिन्हें हम कर ना सके; पास भी उन्हें हम कभी पा ना सके; मिटा दिया प्यार जिसने हमारे दिल से; हम उनका नाम लिख कर भी मिटा ना सके।

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​मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई; पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी; रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं; यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।

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कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे; कितना दूर है ख्वाब हकीकत के आगे; कोई रुकी हुई सी धड़कन से पूछे; कितना तड़पता है यह दिल मोहब्बत के आगे।

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तुझे मोहब्बत करना नहीं आता; मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ आता नहीं; ज़िंदगी गुज़ारने के दो ही तरीके हैं; एक तुझे नहीं आता, एक मुझे नहीं आता!

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बड़ी उम्मीद थी उनको अपना बनाने की; तमन्ना थी उनके हो जाने की; क्या पता था जिनके हम होना चाहते हैं; उनको आदत ही नहीं थी किसी को अपना बनाने की!

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इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है; खामोशियों की आदत हो गई है; ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से; अगर है तो एक मोहब्बत, जो इन तन्हाईयों से हो गई है।

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काश आपकी सूरत इतनी प्यारी ना होती; काश आपसे मुलाक़ात हमारी ना होती; सपनो में ही देख लेते हम आपको; तो आज मिलने की इतनी बेकरारी ना होती!

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खामोश थे हम तो मगरूर समझ लिया; चुप हैं हम तो मजबूर समझ लिया; यही आप की खुशनसीबी है कि हम इतने क़रीब हैं; फिर भी आप ने दूर समझ लिया!

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कितना समझाया दिल को कि तु प्यार ना कर; किसी के लिए खुद को बेक़रार ना कर; वो तेरे लिए नहीं है नादान; ऐ पागल किसी और की अमानत का इंतज़ार ना कर!

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मत बनाना रिश्ता इस जहां में; बहुत मुश्किल उन्हें निभाना होगा; हर एक रिश्ता एक नया ग़म देगा; एक तरफ बेबस तु और एक तरफ हँसता ज़माना होगा।

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हुस्न भी था, कशिश भी थी; अंदाज़ भी था, नक़ाब भी था; हया भी थी, प्यार भी था; अगर कुछ ना था तो बस इकरार।

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उन लोगों का क्या हुआ होगा; जिनको मेरी तरह ग़म ने मारा होगा; किनारे पर खड़े लोग क्या जाने; डूबने वाले ने किस-किस को पुकारा होगा।

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जाने क्यों अकेले रहने को मज़बूर हो गए; यादों के साये भी हमसे दूर हो गए; हो गए तन्हा इस महफ़िल में; कि हमारे अपने भी हमसे दूर हो गए। Aankhein Shayari

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फूलों को तो बहारों में आना ही था; खारों को क्यों संग में लाना था; जिसे चाहा हमने दिल से अपनाया; क्या उसी को हमसे दूर जाना था।

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बर्बादी का दोष दुश्मनों को देता रहा मैं अब तलक; दोस्तों को भी परख लिया होता तो अच्छा होता; यूँ तो हर मोड़ पर मिले कुछ दगाबाज लेकिन; आस्तीन को भी झठक लिया होता तो अच्छा होता।

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वादा करते तो कोई बात होती; मुझे ठुकराते तो कोई बात होती; यूँ ही क्यों छोड़ दिया दामन; कसूर बतलाते तो कोई बात होती।

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​मेरी वफाएं सभी लोग जानते हैं; उसकी जफ़ाएं सभी लोग जानते हैं; वो ही ना समझ पाए मेरी शायरी; दिल की सदाएं सभी लोग जानते है।

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काश वो नगमें हमें सुनाए ना होते; आज उनको सुनकर ये आंसू ना आए होते; अगर इस तरह भूल जाना ही था; तो इतनी गहराई से दिल में समाए ना होते।

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हर वक़्त का हंसना तुझे बर्बाद ना कर दे; ​तन्हाई के लम्हों में, कभी रो भी लिया कर; ​ए दिल तुझे दुश्मन की भी पहचान कहाँ; ​तु हल्का-ए-याराना में भी मोहतात रहा कर।

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हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है​;​ शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है​;​ कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम​;​ ​और एक वो है​, जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है​। ​

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रोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता है​; ​ना चाहते हुए भी प्यार होता है​;​ क्यू देखते है हम वो सपने​;​ जिनके टूटने पर भी उनके सच होने​;​ का इंतेज़ार होता है​।

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तेरी नज़रों से दूर जाने के लिए तैयार तो थे हम; फिर इस तरह, नज़रें घुमाने की जरूरत क्या थी;​​ तेरे एक इशारे पे, हम इल्जाम भी अपने सिर ले लेते​;​ फिर बेवजह, झूठे इल्जाम लगाने की जरुरत क्या थी।

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इंतजार किस पल का किये जाते हो यारों; प्यासों के पास समंदर नही आने वाला; लगी है प्यास ​तो ​चलो रेत निचोड़ी जाए​;​ अपने हिस्से में समंदर नहीं आने वाला​।

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​कहने वालों का कुछ नहीं जाता​; सहने वाले कमाल करते हैं; कौन ढूंढें जवाब दर्दों के​;​ लोग तो बस सवाल करते है।

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कम से कम ​तन्हाई तो साथी है​;​ अपनी ​जिंदगी के हर एक पल की​;​​ चलो ये शिकवा भी दूर हुआ कि​;​​ किसी ने साथ नहीं दिया​।

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दिल से मिले दिल तो सजा देते है लोग​;​​ ​प्यार के जज्बातों को डुबा देते है लोग;​​ ​दो इँसानो को मिलते कैसे देख सकते है​;​ जब साथ बैठे दो परिन्दो को भी उठा देते है लोग...

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कोई उम्मीद बर नहीं आती​;​​​​​ ​कोई सूरत नज़र नहीं आती;​​ ​​मौत का एक दिन मु'अय्यन है​;​​ ​नींद क्यों रात भर नहीं आती​।

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जो आँसू दिल में गिरते हैं वो आँखों में नहीं रहते; बहुत से हर्फ़ ऐसे हैं जो लफ़्ज़ों में नहीं रहते; किताबों में लिखे जाते हैं दुनिया भर के अफ़साने; मगर जिन में हक़ीक़त हो वो किताबों में नहीं रहते। Funny shayari

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मोहब्बत से वो देखते हैं सभी को, बस हम पर कभी ये इनायत नहीं होती; मैं तो शीशा हूँ टूटना मेरी फ़ितरत है, इसलिए मुझे पत्थरों से कोई शिकायत नहीं होती।

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उनके होंठों पे मेरा नाम जब आया होगा; ख़ुद को रुसवाई से फिर कैसे बचाया होगा; सुन के फ़साना औरों से मेरी बर्बादी का; क्या उनको अपना सितम न याद आय होगा?

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दिलों को खरीदने वाले लोग हज़ार मिल जायेंगे; तुमको दगा देने वाले बार-बार मिल जायेंगे; मिलेगा न हमें तुम जैसा कोई; मिलने को तो लोग हमें बेशुमार मिल जायेंगे!

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रात क्या ढली सितारे चले गए; गैरों से क्या शिकायत जब हमारे चले गए; जीत सकते थे हम भी इश्क़ की बाज़ी; पर उनको जिताने की धुन में हम हारे चले गए।

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मेरे प्यार को बहकावा समझ लिया उन्होंने; मेरे एहसास को पछतावा समझ लिया उन्होंने; मैं रोती रही उनकी याद में पर हुआ ये कि; मुझे ही बेवफ़ा समझ लिया उन्होंने।

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एक दिन हम तुम से दूर हो जायेंगे; अंधेरी गलियों में यूं ही खो जायेंगे; आज हमारी फिक्र नहीं है आपको; कल से हम भी बेफिक्र हो जायेंगे।

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सजा लबों से अपने सुनाई तो होती; रूठ जाने की वजह बताई तो होती; बेच देता मैं खुद को तुम्हारे लिए; कभी खरीदने की चाहत जताई तो होती।

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तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया; कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ; कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है; कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।

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वो, जिनके घर मेहमानों का आना-जाना होता है; उनको घर का हर कमरा हर रोज़ सजाना होता है; जिस देहरी की क़िस्मत में स्वागत या वंदनवार न हों; उस चौखट के भीतर केवल इक तहख़ाना होता है।

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तुझे मोहब्बत करना नहीं आता; मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ और नहीं आता; ज़िन्दगी गुजारने के बस दो ही तरीके हैं; एक तुझे नहीं आता और एक मुझे नहीं आता।

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कोई जुदा हो गया कोई ख़फ़ा हो गया; यह दुनिया के लोगों को क्या हो गया; जिस सजदे में मुझे उस को माँगना था रब से; अफ़सोस वही सजदा क़ज़ा हो गया।

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एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा; बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा; टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने; अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।

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मिला वो भी नहीं करते, मिला हम भी नहीं करते; वफ़ा वो भी नहीं करते, वफ़ा हम भी नहीं करते; उन्हें रुस्वाई का दुःख, हमें तन्हाई का दर्द; गिला वो भी नहीं करते शिकवा हम भी नहीं करते।

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हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है; शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है; कितनी शिद्दत से उन्हें याद करते हैं हम; और एक वो हैं जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।

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अपना समझा तो कह दिया वरना; गैरों से तो कोई गिला नहीं होता; कुछ न कुछ पहले खोना पड़ता है; मुफ्त में तो कोई तज़ुर्बा नहीं मिलता।

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किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नही; किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नही; गुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्या; यह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही। Dard Bhari

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वो रास्ते में पलटा तो रुक गया मैं भी; फिर कदम, कदम न रहे, सफर, सफर न रहा; नज़रों से गिराया उसको कुछ इस तरह हम ने; कि वो खुद अपनी नज़रों में मुताबिर न रहा।

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तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी; मैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगी; रहे मोहब्बत में ज़िन्दगी भर, रहेगी ये कशमकश बराबर; ना तुमको कुर्बत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगी; हज़ार उल्फ़त सताए लेकिन मेरे इरादों से है ये मुमकिन; अगर शराफ़त को तुमने छेड़ा तो ज़िन्दगी तुम पे वार होगी।

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तुझसे दोस्ती करने का हिसाब ना आया; मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया; हम तो जागते रहे तेरे ही ख्यालों में; और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया।

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मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था; एक मैं अकेला था, बाकी काफिला भी उसका था; साथ-साथ चलने की सोच भी उसकी थी; फ़िर रास्ता बदलने का फ़ैसला भी उसका था।

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सपना हैं आँखों में मगर नींद नहीं है; दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन नहीं है; कैसे बयाँ करें हम अपना हाल-ए-दिल; जी तो रहें हैं मगर ये ज़िंदगी नहीं है।

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मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं; ये वो अदा है जिसमे सब कामयाब नहीं; जिन्हें पनाह मिली उन्हें उँगलियों पर गिन लो; मगर जो फना हुए उनका कोई हिसाब नहीं।

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ज़िंदगी हमारी यूँ सितम हो गयी; ख़ुशी ना जाने कहाँ दफ़न हो गयी; बहुत लिखी खुदा ने लोगों की मोहब्बत; जब आयी हमारी बारी तो स्याही ही ख़त्म हो गयी।

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भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत; तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है; नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना; तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है।

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जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते; ख़त किसलिए रखे हैं जला क्यों नहीं देते; किस वास्ते लिखा है हथेली पे मेरा नाम; मैं हर्फ़ ग़लत हूँ तो मिटा क्यों नहीं देते।

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ज़िंदगी से चले हैं अब इल्ज़ाम लेकर; बहुत जी चुके हैं अब उनका नाम लेकर; अकेले बातें करेंगे अब वो इन सितारों से; अब चले जायेंगे उन्हें यह सारा आसमान देकर।

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दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया; खाली ही सही होठों तक जाम तो आया; मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने; यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया।

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दुनिया ने हम पे जब कोई इल्ज़ाम रख दिया; हमने मुक़ाबिल उसके तेरा नाम रख दिया; इक ख़ास हद पे आ गई जब तेरी बेरुख़ी; नाम उसका हमने गर्दिशे-अय्याम रख दिया।

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समझा न कोई हमारे दिल की बात को; दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया; जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से; तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।

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आग से सीख लिया हम ने यह करीना भी; बुझ भी जाना पर बड़ी देर तक सुलगते रहना; जाने किस उम्र में जाएगी यह आदत अपनी; रूठना उससे और औरों से उलझते रहना।

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दस्तूर-ए-उल्फ़त वो निभाते नहीं हैं; जनाब महफ़िल में आते ही नहीं हैं; हम सजाते हैं महफ़िल हर शाम; एक वो हैं जो कभी तशरीफ़ लाते ही नहीं हैं!

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तुम ने चाहा ही नहीं हालात बदल सकते थे; तेरे आाँसू मेरी आँखों से निकल सकते थे; तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह; दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे।

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मुद्दत से कोई शख्स रुलाने नहीं आया; जलती हुई आँखों को बुझाने नहीं आया; जो कहता था कि रहेंगे उम्र भर साथ तेरे; अब रूठे हैं तो कोई मनाने नहीं आया।

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ना जाने कौन सी बात पर वो रूठ गयी है; मेरी सहने की हदें भी अब टूट गयी हैं; कहती थी जो कि कभी नहीं रूठेगी मुझसे; आज वो अपनी ही बातें भूल गयी है।

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मोहब्बत का मेरा यह सफर आख़िरी है; ये कागज, ये कलम, ये गजल आख़िरी है; फिर ना मिलेंगे अब तुमसे हम कभी; क्योंकि तेरे दर्द का अब ये सितम आख़िरी है।

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उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद; अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद; क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया; यहाँ लोग भूल जाते ही किसी को दफनाने के बाद।

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