
Shikwa Shikayat Shayari
Shikayat Shayari Hindi - Doston kya ap kisi se naraz hain, kya apako kisi se shikayat hai, aj ke is blog post mein ham apake lie kuchh shikava, shikayat aur narazagi par kuchh khubasurat sher o shayari pesh kar rahe hain, jisase ap ko shikayat hai, ap unhen ye sher mesej kar sakate hain. Aankhein Shayari In Hindi.
shikayat shayari dp

खुदा जाने, प्यार का दस्तूर क्या होता है; जिन्हें अपना बनाया, वो न जाने क्यों दूर होता है; कहते हैं कि मिलते नहीं ज़मीन आसमान; फिर न जाने क्यूँ, आसमान ज़मीन का सरूर होता है! - Shikayat Shayari
_______________________________

एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे; वही फ़ासले बनाते गये! हम तो पास आने की कोशिश में थे; ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!
_______________________________
हमें उनसे कोई सिकायत नहीं; शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं! मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया; पूछा तो कहा, 'ये मेरी लिखावट नहीं'!
_______________________________

हमें उनसे कोई शिकायत नहीं; शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं! मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया; पूछा तो कहा, ये मेरी लिखावट नहीं! Friendship Shayari
_______________________________

फलक से चाँद उतारा गया; मेरी आस का एक सहारा गया! मैं दो बूँद पानी तरसती रही; मेरे होंठों से ज़हर गुज़ारा गया!
_______________________________

इन आंखो मे आंसू आये न होते; अगर वो पीछे मुडकर मुस्कुराये न होते! उनके जाने के बाद बस येही गम रहेगा; कि काश वो हमारी ज़िन्दगी मे दूबारा आये न होते!
_______________________________

भूल गए या, भुलाना चाहते हो? दूर कर दिया, या जाना चाहते हो? आजमा लिया, या आजमाना चाहते हो? मैसेज कर रहे हो या अभी और पैसे बचाना चाहते हो?
_______________________________

तकदीर बनाने वाले, तूने भी हद कर दी; तकदीर में किसी और का नाम लिखा था; और दिल में चाहत किसी और की भर दी!
_______________________________

अपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं; किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया; तो किसी ने अपना बनाकर 'वक़्त' गुजार लिया!
_______________________________

तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी! आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं! हम भी वही हैं दिल भी वही है! न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं!
_______________________________

हर शाम कह जाती है एक कहानी ! हर सुबह ले आती है एक नई कहानी ! रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन ! मंजिल रह जाती है वही पुरानी !
_______________________________

इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं! सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं! दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं! है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं!
_______________________________

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है! इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है! उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद! फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है!
_______________________________

इस कदर हम यार को मनाने निकले! उसकी चाहत के हम दिवाने निकले! जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा! उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले!
_______________________________

मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते! समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें! जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा! करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!
_______________________________
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे! यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे! वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का! और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
_______________________________
shikayat shayari for boyfriend

कहाँ से लाऊँ हुनर उसे मनाने का; कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का; मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी; क्योंकि जुर्म मेरा था उनसे दिल लगाने का।
_______________________________

वो भूल गए कि उन्हें हसाया किसने था; जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था; वो कहते हैं वो बहुत अच्छे है शायद; वो भूल गए कि उन्हें यह बताया किसने था।
_______________________________

रास्ते में पत्थरों की कमी नहीं है; मन में टूटे सपनो की कमी नहीं है; चाहत है उनको अपना बनाने की मगर; मगर उनके पास अपनों की कमी नहीं है। Love shayari
_______________________________

ज़ख़्म देने की आदत नहीं हमको; हम तो आज भी वो एहसास रखते हैं; बदले बदले से तो आप हैं जनाब; जो हमारे अलावा सबको याद रखते हैं।
_______________________________

मानते हैं सारा जहाँ तेरे साथ होगा; खुशी का हर लम्हा तेरे पास होगा; जिस दिन टूट जाएँगी साँसे हमारी; उस दिन तुझे हमारी कमी का एहसास होगा।
_______________________________

कदम कदम पे बहारों ने साथ छोड़ दिया; पड़ा जब वक़्त तब अपनों ने साथ छोड़ दिया; खायी थी कसम इन सितारों ने साथ देने की; सुबह होते देखा तो इन सितारों ने साथ छोड़ दिया।
_______________________________

मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था; दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था; ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी; यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था।
_______________________________

वक़्त बदलता है ज़िन्दगी के साथ; ज़िन्दगी बदलती है वक़्त के साथ; वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ; बस अपने बदल जाते हैं वक़्त के साथ
_______________________________

कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था; सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था; सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है; जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
_______________________________

वादा करके निभाना भूल जाते हैं; लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं; ऐसी आदत हो गयी है अब तो सनम की; रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं।
_______________________________
गर्मिये हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं; हम चिरागों की तरह शाम से जल जाते हैं; शमा जलती है जिस आग में नुमाइश के लिए; हम उसी आग में गुमनाम से जल जाते हैं; जब भी आता है तेरा नाम मेरे नाम के साथ; जाने क्यों लोग मेरे नाम से जल जाते हैं।
_______________________________

किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह; वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह; किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी; छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह।
_______________________________

ज़िंदा रहे तो क्या है, जो मर जायें हम तो क्या; दुनिया से ख़ामोशी से गुज़र जायें हम तो क्या; हस्ती ही अपनी क्या है ज़माने के सामने; एक ख्वाब हैं जहान में बिखर जायें हम तो क्या।
_______________________________

सब फ़साने हैं दुनियादारी के, किस से किस का सुकून लूटा है; सच तो ये है कि इस ज़माने में, मैं भी झूठा हूँ तू भी झूठा है।
_______________________________

वादा करके वो निभाना भूल जाते हैं; लगा कर आग फिर वो बुझाना भूल जाते हैं; ऐसी आदत हो गयी है अब तो उस हरजाई की; रुलाते तो हैं मगर मनाना भूल जाते हैं।
_______________________________

हमने सोचा कि सिर्फ हम ही उन्हें चाहते हैं; मगर उनके चाहने वालों का तो काफ़िला निकला; मैंने सोचा कि शिकायत करू खुदा से; मगर वह भी उनके चाहने वालों में निकला!
_______________________________

मुझे सता के वो मेरी दुआएं लेता है; उसे खबर है कि मुझे बद्दुआ नहीं आती; सब कुछ सौप दिया उसे हमने; फिर भी वो कहता है, हमें वफा नहीं आती!
_______________________________

उल्फत में अक्सर ऐसा होता है; आँखे हंसती हैं और दिल रोता है; मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी; हमसफर उनका कोई और होता है!
_______________________________

नज़र चाहती है दीदार करना; दिल चाहता है प्यार करना; क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतजार करना!
_______________________________

दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं; कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं; कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का; हम अकेले तो गुनेहगार नहीं।
_______________________________

शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता; शिकवा तो इस दिल को भी है; पर इसे शिकायत करना नहीं आता।
दिल की किस्मत बदल न पाएगा; बंधनो से निकल न पाएगा; तुझको दुनिया के साथ चलना है; तु मेरे साथ चल न पाएगा।
_______________________________
कुछ आँसू होते हैं जो बहते नहीं; लोग अपने प्यार के बिना रहते नहीं; हम जानते हैं आपको भी आती है हमारी याद; पर जाने क्यों आप हमसे कहते नहीं।
_______________________________
दिल से दूर जिन्हें हम कर ना सके; पास भी उन्हें हम कभी पा ना सके; मिटा दिया प्यार जिसने हमारे दिल से; हम उनका नाम लिख कर भी मिटा ना सके।
_______________________________
मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गई; पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी; रब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं; यह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
_______________________________
कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे; कितना दूर है ख्वाब हकीकत के आगे; कोई रुकी हुई सी धड़कन से पूछे; कितना तड़पता है यह दिल मोहब्बत के आगे।
_______________________________
तुझे मोहब्बत करना नहीं आता; मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ आता नहीं; ज़िंदगी गुज़ारने के दो ही तरीके हैं; एक तुझे नहीं आता, एक मुझे नहीं आता!
_______________________________
बड़ी उम्मीद थी उनको अपना बनाने की; तमन्ना थी उनके हो जाने की; क्या पता था जिनके हम होना चाहते हैं; उनको आदत ही नहीं थी किसी को अपना बनाने की!
_______________________________
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गई है; खामोशियों की आदत हो गई है; ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से; अगर है तो एक मोहब्बत, जो इन तन्हाईयों से हो गई है।
_______________________________
काश आपकी सूरत इतनी प्यारी ना होती; काश आपसे मुलाक़ात हमारी ना होती; सपनो में ही देख लेते हम आपको; तो आज मिलने की इतनी बेकरारी ना होती!
_______________________________
खामोश थे हम तो मगरूर समझ लिया; चुप हैं हम तो मजबूर समझ लिया; यही आप की खुशनसीबी है कि हम इतने क़रीब हैं; फिर भी आप ने दूर समझ लिया!
_______________________________
कितना समझाया दिल को कि तु प्यार ना कर; किसी के लिए खुद को बेक़रार ना कर; वो तेरे लिए नहीं है नादान; ऐ पागल किसी और की अमानत का इंतज़ार ना कर!
_______________________________
मत बनाना रिश्ता इस जहां में; बहुत मुश्किल उन्हें निभाना होगा; हर एक रिश्ता एक नया ग़म देगा; एक तरफ बेबस तु और एक तरफ हँसता ज़माना होगा।
_______________________________
हुस्न भी था, कशिश भी थी; अंदाज़ भी था, नक़ाब भी था; हया भी थी, प्यार भी था; अगर कुछ ना था तो बस इकरार।
_______________________________
उन लोगों का क्या हुआ होगा; जिनको मेरी तरह ग़म ने मारा होगा; किनारे पर खड़े लोग क्या जाने; डूबने वाले ने किस-किस को पुकारा होगा।
_______________________________
जाने क्यों अकेले रहने को मज़बूर हो गए; यादों के साये भी हमसे दूर हो गए; हो गए तन्हा इस महफ़िल में; कि हमारे अपने भी हमसे दूर हो गए। Aankhein Shayari
_______________________________
फूलों को तो बहारों में आना ही था; खारों को क्यों संग में लाना था; जिसे चाहा हमने दिल से अपनाया; क्या उसी को हमसे दूर जाना था।
_______________________________
बर्बादी का दोष दुश्मनों को देता रहा मैं अब तलक; दोस्तों को भी परख लिया होता तो अच्छा होता; यूँ तो हर मोड़ पर मिले कुछ दगाबाज लेकिन; आस्तीन को भी झठक लिया होता तो अच्छा होता।
_______________________________
वादा करते तो कोई बात होती; मुझे ठुकराते तो कोई बात होती; यूँ ही क्यों छोड़ दिया दामन; कसूर बतलाते तो कोई बात होती।
_______________________________
मेरी वफाएं सभी लोग जानते हैं; उसकी जफ़ाएं सभी लोग जानते हैं; वो ही ना समझ पाए मेरी शायरी; दिल की सदाएं सभी लोग जानते है।
_______________________________
काश वो नगमें हमें सुनाए ना होते; आज उनको सुनकर ये आंसू ना आए होते; अगर इस तरह भूल जाना ही था; तो इतनी गहराई से दिल में समाए ना होते।
_______________________________
हर वक़्त का हंसना तुझे बर्बाद ना कर दे; तन्हाई के लम्हों में, कभी रो भी लिया कर; ए दिल तुझे दुश्मन की भी पहचान कहाँ; तु हल्का-ए-याराना में भी मोहतात रहा कर।
Shikwa shayari
_______________________________
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है; शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है; कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम; और एक वो है, जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।
_______________________________
रोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता है; ना चाहते हुए भी प्यार होता है; क्यू देखते है हम वो सपने; जिनके टूटने पर भी उनके सच होने; का इंतेज़ार होता है।
_______________________________
तेरी नज़रों से दूर जाने के लिए तैयार तो थे हम; फिर इस तरह, नज़रें घुमाने की जरूरत क्या थी; तेरे एक इशारे पे, हम इल्जाम भी अपने सिर ले लेते; फिर बेवजह, झूठे इल्जाम लगाने की जरुरत क्या थी।
_______________________________
इंतजार किस पल का किये जाते हो यारों; प्यासों के पास समंदर नही आने वाला; लगी है प्यास तो चलो रेत निचोड़ी जाए; अपने हिस्से में समंदर नहीं आने वाला।
_______________________________
कहने वालों का कुछ नहीं जाता; सहने वाले कमाल करते हैं; कौन ढूंढें जवाब दर्दों के; लोग तो बस सवाल करते है।
_______________________________
कम से कम तन्हाई तो साथी है; अपनी जिंदगी के हर एक पल की; चलो ये शिकवा भी दूर हुआ कि; किसी ने साथ नहीं दिया।
_______________________________
दिल से मिले दिल तो सजा देते है लोग; प्यार के जज्बातों को डुबा देते है लोग; दो इँसानो को मिलते कैसे देख सकते है; जब साथ बैठे दो परिन्दो को भी उठा देते है लोग...
_______________________________
कोई उम्मीद बर नहीं आती; कोई सूरत नज़र नहीं आती; मौत का एक दिन मु'अय्यन है; नींद क्यों रात भर नहीं आती।
_______________________________
जो आँसू दिल में गिरते हैं वो आँखों में नहीं रहते; बहुत से हर्फ़ ऐसे हैं जो लफ़्ज़ों में नहीं रहते; किताबों में लिखे जाते हैं दुनिया भर के अफ़साने; मगर जिन में हक़ीक़त हो वो किताबों में नहीं रहते। Funny shayari
_______________________________
मोहब्बत से वो देखते हैं सभी को, बस हम पर कभी ये इनायत नहीं होती; मैं तो शीशा हूँ टूटना मेरी फ़ितरत है, इसलिए मुझे पत्थरों से कोई शिकायत नहीं होती।
_______________________________
उनके होंठों पे मेरा नाम जब आया होगा; ख़ुद को रुसवाई से फिर कैसे बचाया होगा; सुन के फ़साना औरों से मेरी बर्बादी का; क्या उनको अपना सितम न याद आय होगा?
_______________________________
दिलों को खरीदने वाले लोग हज़ार मिल जायेंगे; तुमको दगा देने वाले बार-बार मिल जायेंगे; मिलेगा न हमें तुम जैसा कोई; मिलने को तो लोग हमें बेशुमार मिल जायेंगे!
_______________________________
रात क्या ढली सितारे चले गए; गैरों से क्या शिकायत जब हमारे चले गए; जीत सकते थे हम भी इश्क़ की बाज़ी; पर उनको जिताने की धुन में हम हारे चले गए।
_______________________________
मेरे प्यार को बहकावा समझ लिया उन्होंने; मेरे एहसास को पछतावा समझ लिया उन्होंने; मैं रोती रही उनकी याद में पर हुआ ये कि; मुझे ही बेवफ़ा समझ लिया उन्होंने।
_______________________________
एक दिन हम तुम से दूर हो जायेंगे; अंधेरी गलियों में यूं ही खो जायेंगे; आज हमारी फिक्र नहीं है आपको; कल से हम भी बेफिक्र हो जायेंगे।
_______________________________
सजा लबों से अपने सुनाई तो होती; रूठ जाने की वजह बताई तो होती; बेच देता मैं खुद को तुम्हारे लिए; कभी खरीदने की चाहत जताई तो होती।
_______________________________
तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया; कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ; कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है; कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
_______________________________
वो, जिनके घर मेहमानों का आना-जाना होता है; उनको घर का हर कमरा हर रोज़ सजाना होता है; जिस देहरी की क़िस्मत में स्वागत या वंदनवार न हों; उस चौखट के भीतर केवल इक तहख़ाना होता है।
_______________________________
तुझे मोहब्बत करना नहीं आता; मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ और नहीं आता; ज़िन्दगी गुजारने के बस दो ही तरीके हैं; एक तुझे नहीं आता और एक मुझे नहीं आता।
_______________________________
कोई जुदा हो गया कोई ख़फ़ा हो गया; यह दुनिया के लोगों को क्या हो गया; जिस सजदे में मुझे उस को माँगना था रब से; अफ़सोस वही सजदा क़ज़ा हो गया।
shikayat bhari shayari
_______________________________
एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा; बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा; टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने; अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।
_______________________________
मिला वो भी नहीं करते, मिला हम भी नहीं करते; वफ़ा वो भी नहीं करते, वफ़ा हम भी नहीं करते; उन्हें रुस्वाई का दुःख, हमें तन्हाई का दर्द; गिला वो भी नहीं करते शिकवा हम भी नहीं करते।
_______________________________
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है; शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है; कितनी शिद्दत से उन्हें याद करते हैं हम; और एक वो हैं जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।
_______________________________
अपना समझा तो कह दिया वरना; गैरों से तो कोई गिला नहीं होता; कुछ न कुछ पहले खोना पड़ता है; मुफ्त में तो कोई तज़ुर्बा नहीं मिलता।
_______________________________
किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नही; किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नही; गुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्या; यह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही। Dard Bhari
_______________________________
वो रास्ते में पलटा तो रुक गया मैं भी; फिर कदम, कदम न रहे, सफर, सफर न रहा; नज़रों से गिराया उसको कुछ इस तरह हम ने; कि वो खुद अपनी नज़रों में मुताबिर न रहा।
_______________________________
तुम आज हँसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार-बार होगी; मैं जानता हूं मुझे ख़बर है कि कल फ़ज़ा ख़ुशगवार होगी; रहे मोहब्बत में ज़िन्दगी भर, रहेगी ये कशमकश बराबर; ना तुमको कुर्बत में जीत होगी ना मुझको फुर्कत में हार होगी; हज़ार उल्फ़त सताए लेकिन मेरे इरादों से है ये मुमकिन; अगर शराफ़त को तुमने छेड़ा तो ज़िन्दगी तुम पे वार होगी।
_______________________________
तुझसे दोस्ती करने का हिसाब ना आया; मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया; हम तो जागते रहे तेरे ही ख्यालों में; और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया।
_______________________________
मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था; एक मैं अकेला था, बाकी काफिला भी उसका था; साथ-साथ चलने की सोच भी उसकी थी; फ़िर रास्ता बदलने का फ़ैसला भी उसका था।
_______________________________
सपना हैं आँखों में मगर नींद नहीं है; दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन नहीं है; कैसे बयाँ करें हम अपना हाल-ए-दिल; जी तो रहें हैं मगर ये ज़िंदगी नहीं है।
_______________________________
मोहब्बत मुक़द्दर है एक ख्वाब नहीं; ये वो अदा है जिसमे सब कामयाब नहीं; जिन्हें पनाह मिली उन्हें उँगलियों पर गिन लो; मगर जो फना हुए उनका कोई हिसाब नहीं।
_______________________________
ज़िंदगी हमारी यूँ सितम हो गयी; ख़ुशी ना जाने कहाँ दफ़न हो गयी; बहुत लिखी खुदा ने लोगों की मोहब्बत; जब आयी हमारी बारी तो स्याही ही ख़त्म हो गयी।
_______________________________
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत; तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है; नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना; तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है।
_______________________________
जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते; ख़त किसलिए रखे हैं जला क्यों नहीं देते; किस वास्ते लिखा है हथेली पे मेरा नाम; मैं हर्फ़ ग़लत हूँ तो मिटा क्यों नहीं देते।
_______________________________
ज़िंदगी से चले हैं अब इल्ज़ाम लेकर; बहुत जी चुके हैं अब उनका नाम लेकर; अकेले बातें करेंगे अब वो इन सितारों से; अब चले जायेंगे उन्हें यह सारा आसमान देकर।
_______________________________
दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया; खाली ही सही होठों तक जाम तो आया; मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने; यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया।
_______________________________
दुनिया ने हम पे जब कोई इल्ज़ाम रख दिया; हमने मुक़ाबिल उसके तेरा नाम रख दिया; इक ख़ास हद पे आ गई जब तेरी बेरुख़ी; नाम उसका हमने गर्दिशे-अय्याम रख दिया।
_______________________________
समझा न कोई हमारे दिल की बात को; दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया; जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से; तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।
_______________________________
आग से सीख लिया हम ने यह करीना भी; बुझ भी जाना पर बड़ी देर तक सुलगते रहना; जाने किस उम्र में जाएगी यह आदत अपनी; रूठना उससे और औरों से उलझते रहना।
_______________________________
दस्तूर-ए-उल्फ़त वो निभाते नहीं हैं; जनाब महफ़िल में आते ही नहीं हैं; हम सजाते हैं महफ़िल हर शाम; एक वो हैं जो कभी तशरीफ़ लाते ही नहीं हैं!
_______________________________
तुम ने चाहा ही नहीं हालात बदल सकते थे; तेरे आाँसू मेरी आँखों से निकल सकते थे; तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह; दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे।
_______________________________
मुद्दत से कोई शख्स रुलाने नहीं आया; जलती हुई आँखों को बुझाने नहीं आया; जो कहता था कि रहेंगे उम्र भर साथ तेरे; अब रूठे हैं तो कोई मनाने नहीं आया।
_______________________________
ना जाने कौन सी बात पर वो रूठ गयी है; मेरी सहने की हदें भी अब टूट गयी हैं; कहती थी जो कि कभी नहीं रूठेगी मुझसे; आज वो अपनी ही बातें भूल गयी है।
_______________________________
मोहब्बत का मेरा यह सफर आख़िरी है; ये कागज, ये कलम, ये गजल आख़िरी है; फिर ना मिलेंगे अब तुमसे हम कभी; क्योंकि तेरे दर्द का अब ये सितम आख़िरी है।
_______________________________
उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद; अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद; क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया; यहाँ लोग भूल जाते ही किसी को दफनाने के बाद।
_______________________________